होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi

Holi Essay in Hindi: भारत त्योहारों का देश हैं, इसलिए यहां प्रत्येक दिन एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता हैं।  भारत का होली त्यौहार विश्व प्रसिद्द हैं। होली का त्यौहार हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार हैं। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता हैं।  होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश अमेरिका जैसे कई देशो में भी प्रसिद्द हैं। 

इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। यह खुशियां बाटने वाला त्यौहार हैं , इस दिन सभी लोग एक दूसरे से गले मिलकर खुशी खुशी इस त्यौहार को मनाते हैं।  होली का त्यौहार हजारों वर्षो से मनाया जा रहा हैं। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत पर मनाया जाता हैं, साथ ही मौज मस्ती का भी प्रतीक हैं। इसके साथ ही होली का त्यौहार अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लेकर आती हैं जिससे लोगो में एक अलग ही उत्साह नजर आता हैं।  

बचपन की होली हो या फिर बुढ़ापे का उल्लास हमेसा एक सा ही होता हैं।  इस पर हमेशा एक मशहूर गाना याद आता हैं, होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगो में रंग मिल जाते हैं। होली के समय सबसे ज्यादा उल्लाश बच्चो में देखा जाता हैं वो सुबह से अपनी होली खेलने की तैयारी में जुट जाते हैं.

Holi Essay in Hindi

होली कब मनाई जाती हैं 

होली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में मनाया जाता हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस त्यौहार को फाल्गुन मास में मनाने की प्रथा हैं। यह त्यौहार प्रमुख रूप से दो दिनों का होता हैं, जिसमे पहला दिन होलिका दहन मनाया जाता हैं  जिसमे लकड़िया और गोबर के उपले डालकर होलिका दहन किया जाता हैं।  होली के दूसरे दिन को धुलंडी कहा जाता हैं , जिसमे सभी लोग एक दूसरे को रंग – बिरंगे रंग और गुलाल लगाते हैं। इस दिन सभी लोग आपसी मतभेद को भुलाकर एक दूसरे से गले मिलते हैं और उन्हें होली की बधाई देते हैं। इस दिन सभी लोग अपने घरो में बिभिन्न बिभिन्न प्रकार के पकवान बनाते हैं और एक दूसरे को खिलते हैं, गुझिया होली के दिन की सबसे प्रसिद्द पकवान होती हैं, जिसे लोग अपने घरों में कई दिन पहले से बनाने की तैयारी में लग जाते हैं. इसके अलावा लोग और भी बहुत से तरह के पकवान बनाते है जैसे की गुलाब जामुन, समोसे, दही भल्ले आदि,  इन सबके अलावा लोग संगीत बजाकर (song on holi in hindi) भी होली का जश्न मनाते हैं तथा एक दूसरे को बधाई देते हैं.

होली का इतिहास 

होली के त्यौहार का जिक्र पुराने ग्रंथो में भी देखने को मिलता हैं, इस त्यौहार के मनाने के पीछे एक प्रसिद्द कथा भी हैं। 

पुरानी कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा दुस्ट राजा हुआ करता हैं, जिसने वर्षो की तपश्या करके भगवान ब्रम्हा जी को प्रसन्न कर दिया जिसके बाद ब्रम्हा जी के दिए हुए बरदान स्वरुप हिरण्यकश्यप को न दिन में न रात में, न देवत, न मनुष्य,न ही कोई जानवर और नहीं किसी हथियार से मारा जा सकता था। 

हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को अपना सबसे बड़ा दुसमन मानता था, इसलिए हिरण्यकश्यप अपनी प्रजा से बल पूर्वक अपनी पूजा करवाता था  और भगवन विष्णु की पूजा करने से रोकता था, अगर कोई उसका कहना नहीं मानता  था तो उसे दंड भी देता था. 

हिरण्यकश्यप के घर में उसके एक पुत्र ने जन्म लिया जिसका नाम प्रहलाद रखा गया था , प्रहलाद बचपन से ही भगवन विष्णु का अनंत भक्त था, हिरण्यकश्यप को यह बिल्कुल  भी पसंद नहीं थी, जिस कारन हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को कई बार मारने के लिए अलग अलग तरीके अपनाये लेकिन भक्त  प्रहलाद हर बार भगवन विष्णु की कृपा से बच जाता था, हिरण्यकश्यप को हर बार हर का सामना करना पड़ता था। 

हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम होलिका था उसे यह बरदान मिल था की उसे किसी भी प्रकार की अग्नि जला नहीं सकती थी , अंत में हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद ली, होलिका प्रहलाद को लेकर जलती हुई अग्नि के ढेर में बैठ गयी. इस बार भी भक्त प्रहलाद ने भगवान विष्णु की आराधना की और वो बच गया लेकिन होलिका उसी अग्नि दे ढेर में जलकर रख हो गयी.  इसी के दिन से होलिका दहन की शुरुआत हुयी और उसके दूसरे दिन होली का त्यौहार मनाने जाना लगा.

होली के त्यौहार का महत्व 

होली का ऐतिहासिक महत्व – होली के दिन बुराई पर अच्छाई की जित होती हुयी थी,  इसलिए लोगो को इस त्यौहार से शिक्षा मिलती है की  चाहे बुराई किती भी बड़ी हो जीत हमेशा अच्छाई की ही होती हैं , इसलिए वह हमेशा अच्छे रास्ते को ही अपनाये।

सामाजिक महत्व – होली एक सैहार्दपूर्ण त्यौहार हैं, जिसमे लोग अपने पुराने मतभेद को भूलकर एक दूसरे से गले मिलते हैं, इस दिन कोई किसी को ऊच नीच नहीं देखता हैं।  इसलिए यह त्यौहार एक समाजिक महत्व भी रखता हैं। 

भारत की बिभिन्न प्रसिद्ध  होलियाँ 

1. बरसाना की लट्ठ मार होली 

2. बिहार में फगुआ होली 

3. हरियाणा की धुलेंडी होली 

4.बंगाल में डोल पूर्णिमा होली 

5.महाराष्ट्र में रंगपंचमी होली 

6.पंजाब में होला मोहल्ला का मेला 

7.मध्यप्रदेश की बहगौरिया होली 

1. बरसाना की लट्ठ मार होली 

ब्रज की होली सबसे ज्यादा मशहूर हैं , बरसाना की लट्ठमार होली। बरसाना राधा का जन्म स्थान हैं. इस दिन लट्ठ महिलाओ के हाथ में रहता हैं, नन्द गांव के पुरुष जो राधा मंदिर पर झंडा पहरने की कोशिस  करते हैं, उन्हें महिलाओ के लट्ठ से बचना होता हैं. इस दौरान होरी (यह एक प्रकार की गीत हैं ) भी गायी जाती हैं। 

2. बिहार में फगुआ होली 

बिहार में होली का त्यौहार तीन दिनों तक मनाया जाता हैं।  पहले दिन रात में होलिका दहन होता हैं , जिसे यहां पर सवंत्सर दहन के नाम से भी जाना जाता हैं , और लोग इस आग चरों तरफ घूम कर नृत्य करते हैं।  अगले दिन इससे निकली राख से होली खेलते हैं।  तीसरा दिन रंगो का होता हैं।  स्त्री और पुरुष घर घर जाकर ढोल बजाकर नृत्य करते हैं, फाल्गुन मतलब लाल रंग होता हैं  इसलिए इसे फगुआ होली कहते हैं। 

3. हरियाणा की धुलेंडी होली 

भारत के हरियाणा में होली को धुलेंडी के रूप में मनाते हैं और सुखी होली सिर्फ गुलाल से खेलते हैं , भाभियों को इस दिन पूरी छूट रहती हैं की वो अपने देवरों को साल भर सताने का दंड दे। भाभियाँ देवरो को तरह तरह से सताती हैं और शाम को देवर अपने भाभियों के लिए गिफ्ट लाते हैं उनसे आशीर्वाद लेते हैं। 

4. बंगाल में डोल पूर्णिमा होली

पश्चिम बंगाल की मिशाली सके सुंदरता के रूप में दी जाती हैं, यहां डोली बहुत ही खूबसूरत रूप से मनाई जाती हैं. यह पर होली के दिन लोग बसंती रंग के कपड़े पहनते हैं और फूलों से सिंगार करते हैं, सुबह से ही नृत्य और संगीत का कार्यक्रम चलता हैं।  मीठे पकवान बनाते हैं तथा भगवान कृष्ण और राधा जी की प्रतिमा को झूले में स्तथापित करते हैं.

5. महाराष्ट्र में रंगपंचमी होली

महाराष्ट्र में मछुआरों की बस्ती के लिए इस दिन नाच गाना और मस्ती होती हैं. सारे मछुआरे इस दिन एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं।  महाराष्ट्र में इस दिन पूरन पोली नाम का स्वादिस्ट मीठा पकवान बनाया जाता हैं। 

6. पंजाब में होला मोहल्ला का मेला 

पंजाब में भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं , सिखों के पवित्र धर्मस्थान में होली के अगले दिन से लगने वाले मेले को होला मोहल्ला कहते हैं।  तीन दिन तक ये मेला चलता हैं  तथा इस मेले के दौरान सिख सौर्यत के हथियारों का प्रदर्शन करते हैं और वीरता के करतब दिखते हैं। 

7. मध्यप्रदेश की भगौरिया होली 

मध्यप्रदेश में रहने वाले भील आदिवासियों के लिए होली विशेष होती हैं , इस भील होली को भगौरिया कहते हैं।  व्यस्क होते लड़को को इस दिन यहां पर अपना जीवन साथी चुनने की छूट होती हैं, इस दिन वो आम की मंजरियों , टेसू के फूल  और गेहूं की बालियों की पूजा करते हैं और नए जीवन की शुरुआत करने के लिए प्राथना करते हैं।  

8. गुजरात में होली 

होली के मौके पर गुजरात में मस्त युवको की टोलिया सड़को पर नाचते गाते चलती हैं।  गलियों में उचाई पर दही की मटकियां लगाई जाती हैं और युवको को मटकी फोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता हैं। 

9. मणिपुर की होली 

मणिपुर में होली पुरे छह दिन तक चलती हैं , जिसे योसान्ग कहते हैं , यह पर होली के शुरुआत में होलिका न बनाकर घास-फूस की एक झोपडी बनाई जाती हैं और इसमें आग लगाते हैं , अगले दिन लड़को की टोलियां लड़कियों के साथ होली खेलते हैं, इसके बदले लड़कियों को उपहार देना होता हैं। 

वर्तमान में होली रूप 

वर्तमान में होली का रूप बदलता जा रहा हैं , क्योकि युवा लोग इसके महत्व को नहीं समझ रहे हैं  और इसी सौहार्दपूर्ण त्यौहार की जगह, नशे के त्यौहार के रूप में देख रहे हैं। इस दिन युवा लोग तरह तरह के नशे के सेवन करते हैं, एक दूसरे से मतभेद को भुलाने की वजाय लड़ाई झगड़ा को बढ़ावा देते हैं. इसके अलावा लोग अपने कामो को लेकर व्यस्त हो गए किसी के पास अब टाइम नहीं रहा. 

Holika Dahan 2021 Time, Holi 2021 (होलिका पूजन मुहूर्त)

भद्रा अवधि में शुभ योग- रविवार की सुबह 10 बजकर 16 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक.
भद्रा पश्चात लाभामृत योग- दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से शाम 06 बजे तक.
होलिका दहन पूजन कुल अवधि- शाम 06 बजकर 22 मिनट से रात 11 बजकर 18 मिनट तक.
शुभ मुहूर्त- शाम 06 बजकर 22 मिनट से रात 08 बजकर 52 मिनट तक.
प्रदोष काल विशेष मंगल मुहूर्त- शाम 06 बजकर 22 मिनट से शाम 07 बजकर 10 मिनट तक.

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