Good Friday 2021: गुड फ्राइडे कैसे मनाया जाता हैं, क्या हैं इसका इतिहासऔर महत्व
Good Friday 2021: गुड फ्राइडे ईसाई लोगो का खास पर्व होता हैं, इस दिन को ईसाई धर्म के लोगो के लिए शोक का दिन होता हैं। ऐसा माना जाता हैं इस दिन ही भगवान ईशू को सूली पर चढ़ाया गया था, इसी दिन उन्होने अपने शरीर को त्यागा था , इस ईसाई लोग चर्च में जाकर मोमबत्ती जलाकर प्राथना करते हैं और भगवान ईशू को याद करते हैं तथा उपवास भी रखते हैं । इस दिन गिरिजाघर में जाकर पवित्र क्रॉस को चूमते हैं तथा माथे से लगाते हैं। गुड फ्राइडे को ब्लैक फ्राइडे (Black Friday) और ग्रेट फ्राइडे (Great Friday) भी कहते हैं। इस बार का गुड फ्राइडे (Good Friday 2021) 2 अप्रैल को मनाया जायेगा।
गुड फ्राइडे का इतिहास – Good Friday History in Hindi
ऐसा माना जाता हैं की गुड फ्राइडे (Good Friday 2021) के दिन भगवान इशू को तरह तरह की कई यातनाए दी गयी थी और ऐसा भी मानना हैं की भगवान ईशू के पूरे शरीर में कील ठोक कर उन्हें सूली पर लटकाया गया था.
यरूशलम के गैलिली में उपदेश दिया करते थे, वो लोगो को एकता, मानवता, शांति और अहिंसा का उपदेश दिया करते थे, इसी के वजह से लोग उन्हें अपना मसीहा मानने लगे थे और उन्हें भगवान का दर्जा दिया था. इसी वजह से भगवान ईशू दिन के दिन लोगो के बीच में पॉपुलर होते जा रहे थे।
कुछ कट्टरपंथी लोगो को ये बिलकुल भी पसंद नहीं था जिसके चलते कट्टरपंथी लोगो ने रोम के शासक पिलातुस से इशू की झूठी शिकायत कर दी कर दी. और झूठी बता दिया की ये अपने आप को ईश्वर बताकर लोगो से अपनी पूजा अर्चना करवाता हैं तथा लोगो को अपनी तरफ करना चाहता हैं. जिसके चलते रोम के शाशक ने राजद्रोही मानकर मृत्युदंड का आदेश दे दिया, उनके ऊपर कोड़े बरसाए गए और लोगो ने उन्हें कई तरह की यातनाए दी , वो जिस भी जगह से निकलते थे लोग उन्हें पत्थर से मरते थे उनके ऊपर गंदे गंदे सामान फेका करते हैं.
अंत में उन्हें वहां के शाशक के द्वारा कील ठुकवा कर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया था, इस दिन को ईसाई धर्म के लोग काले दिवस के रूप में भी मनाते हैं। लेकिन ईशू तीन दिन के बाद पुनः जीवित हो गए थे, ऐसा भी कहा जाता हैं इशू ६ घंटे तक सूली पर जीवित थे और आखिरी समय में पुरे रोम अँधेरा छा गया था, तभी से लोग उनको अपने भगवान का दर्जा दिया और उनकी पूजा अर्चना करने लगे.
गुड फ्राइडे कैसे मनाया जाता हैं (How Good Friday celebrate)
इस दिन ईसाई धर्म के लोग गिरिजा घर में इकट्ठा होते हैं , और अपने पवित्रा क्रॉस को चूमते हैं और उसे माथे से लगाते हैं, इस दिन गिरिजाघर के अंदर घंटा नहीं बजाया जाता हैं, उसकी जगह लकड़ी के बने खटखटे बजाए जाते हैं, उपवास भी रखते हैं, और मीठी रोटी बनाई जाती हैं और कुछ लोग इस दिन दान और धर्म का काम करते हैं।